HDFC Bank से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। दुबई फाइनेंशियल सर्विसेज अथॉरिटी (DFSA) ने बैंक की दुबई शाखा पर कड़ा कदम उठाते हुए नए ग्राहकों को जोड़ने पर रोक लगा दी है। यह आदेश 26 सितंबर को बैंक को लिखित रूप में दिया गया था। इस रोक के तहत बैंक अब नए ग्राहकों को वित्तीय सलाह, लोन, निवेश डील या कस्टडी सर्विस उपलब्ध नहीं करा सकेगा। हालांकि, मौजूदा ग्राहक पहले की तरह अपनी सभी सेवाएं ले पाएंगे।
दुबई फाइनेंशियल सर्विसेज अथॉरिटी का आदेश
DFSA ने HDFC Bank की दुबई इंटरनेशनल फाइनेंशियल सेंटर (DIFC) शाखा को नए ग्राहकों से किसी भी तरह का वित्तीय संबंध बनाने से मना किया है। इसमें लोन, एडवांस, इन्वेस्टमेंट डील्स और कस्टडी सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, बैंक को किसी भी तरह की फाइनेंशियल प्रमोशन से भी रोका गया है।
यह कार्रवाई उस समय आई है जब HDFC Bank Dubai news पहले से ही सुर्खियों में था। दरअसल, बैंक पर आरोप था कि उसने UAE ऑपरेशंस के जरिए जोखिम भरे निवेश उत्पाद बेचे थे, जिससे कई भारतीय निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
मौजूदा ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा
DFSA का आदेश सिर्फ नए ग्राहकों तक सीमित है। मौजूदा 1489 ग्राहक (सिंगल और ज्वाइंट होल्डर्स) पहले की तरह सभी सुविधाएं ले पाएंगे। बैंक ने बयान जारी कर कहा है कि वह सभी निर्देशों का पालन करेगा और पूरी तरह से जांच में सहयोग देगा।
इससे जुड़ा HDFC Bank Dubai bank का मामला भी लगातार चर्चा में है, क्योंकि बैंक अब अपने पुराने ग्राहकों की सर्विस पर ही फोकस करेगा। बैंक की कोशिश है कि दुबई अथॉरिटी के साथ जल्द ही सभी मुद्दों का समाधान निकाला जाए।
शेयर मार्केट पर असर और निवेशकों की चिंता

खबर आने के बाद HDFC Bank के शेयर में गिरावट देखने को मिली है। निवेशकों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में बैंक की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह अस्थायी दबाव है और लंबी अवधि में बैंक की स्थिति पर इसका बड़ा असर नहीं होगा।
स्टॉक मार्केट एनालिस्ट्स मानते हैं कि बैंक की फंडामेंटल स्ट्रेंथ मजबूत है। यदि दुबई अथॉरिटी के साथ समाधान निकल जाता है, तो आने वाले दिनों में शेयर दोबारा रिकवर कर सकते हैं।
विवाद की असली वजह क्या है?
इस विवाद की जड़ दो साल पुरानी है। तब HDFC Bank पर आरोप लगे थे कि उसने UAE में हाई-रिस्क प्रोडक्ट बेचे, जिसमें कई भारतीय निवेशकों को नुकसान हुआ। इसके चलते अब दुबई अथॉरिटी ने कड़ा रुख अपनाया है।
HDFC Bank News के मुताबिक, बैंक ने साफ किया है कि वह भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि से दूर रहेगा और नियामक संस्थाओं के साथ पूरी पारदर्शिता बनाए रखेगा।
HDFC Bank की रणनीति और भविष्य की राह
HDFC Bank ने कहा है कि वह DFSA के साथ बातचीत जारी रखेगा और सभी नियमों का पालन करेगा। बैंक की रणनीति यह है कि मौजूदा ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता की सर्विस दी जाए और नियामकों के साथ मिलकर समाधान निकाला जाए।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बैंक को अब अपनी compliance policy, risk management system और regulatory transparency को और मजबूत करना होगा। इससे न केवल दुबई बल्कि अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बैंक की साख बेहतर होगी।
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